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price/144
size/200ml
कुटजारिष्ट
मात्रा और अनुपान
1 से 2 तोला, बराबर जल मिलाकर भोजन के बाद दोनों समय दें।
गुण और उपयोग
इसके सेवन से पुराने संग्रहणी, अतिसार, कृमि, आमांश, अग्निमांध, अरुचि, दुर्बलता, जीर्णज्वर, रक्त गिरना, खाँसी आदि रोग नष्ट होते हैं। कितनी ही पुरानी संग्रहणी, श्वेत आँव और ज्वर के साथ क्यों न हो, उसके निवारण के लिये यह अरिष्ट बहुत ही उपयोगी है।
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